*व्यवसाय, भावनाएं और राजनीति*
*Business, Emotion & Politics*
ऐसा माना जाता है कि अगर व्यवसाय पर भावनाएं प्रभावी होंगी, तो व्यवसाय बर्बाद हो जाएगा क्योंकि दुष्ट लोग भावुक व्यापारियों की भावनाओं का अनुचित लाभ उठाने का मौका नहीं छोड़ेंगे। It is believed that If emotions on the business will effective, the business will be in vain because the evil people will not miss the opportunity to get an unfair advantage from emotional businessmen. इन दिनों राजनीति भी व्यवसाय हो गयी है। अत: राजनेताओं से क्या उम्मीद की जा सकती है? Politics has become a business these days. So what can be expected from politicians? -डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश', राष्ट्रीय प्रमुख-हक रक्षक दल (HRD) सामाजिक संगठन, 9875066111, 28.10.17
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