सुख और दु:ख का राज है: चिन्तन पद्धति और विचारशैली
विचार उपहार: अनेक बार हम देखते हैं कि अनैतिक, अधर्मी, झूठे, क्रूर और आपराधिक कुकृत्यों में लिप्त अनेक लोग सुखी, समृद्ध, स्वस्थ तथा समृद्ध जीवन जीते हैं। इसके विपरीत अच्छे, सृहृदयी, दयालु, नैतिक और धार्मिक लोग अनकों बीमारियों, विपदाओं, मानसिक, शारीरिक और आर्थिक समस्यायें तथा यातनायें झेलते रहते हैं! आखिर क्यों? इस क्यों का जवाब हमारी चिन्तन पद्धति और विचारशैली में अन्तर्निहित है। जो अवचेतन मन को प्रभावित करती है।
सेवासुत डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'
M & WA No.: 9875066111/170717
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